बाल विवाह एक ऐसी सामाजिक बुराई है, जो बाल मन के विकास को गृहण लगाती है
हरदा।मध्यप्रदेश शासन के निर्देशानुसार बाल विकास परियोजना खिरकिया अंतर्गत लाडो अभियान कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में पंडित, मौलवी, नाई, केटरिंग संचालक, ब्यूटीपार्लर संचालक, धर्मगुरूओं, समाज सेवीजनों, प्रिंटिंग प्रेस संचालकों एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में परियोजना अधिकारी श्रीमती बंदनवाला सिंह द्वारा बाल विवाह के रोकथाम की वृहद् जानकारी देते हुए बताया गया कि बाल विवाह एक संज्ञेय अपराध हैं, बाल विवाह करने पर दो वर्ष का सश्रम कारावास या एक लाख रूपये तक का जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है। जब बेटे की आयु 21 वर्ष से अधिक एवं बेटी की आयु 18 वर्ष से अधिक हो तभी उनका विवाह करें। बाल विवाह होने पर वर-वधु के माता-पिता, पुजारी, वर-वधु के रिश्तेदार/पड़ोसी, मेरिज ब्यूरो, टेन्ट हाउस इत्यादि दोषी हो सकते है, जिसकी शिकायत की सूचना जिला कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व/पुलिस), जिला कार्यक्रम अधिकारी, तहसीलदार, थाना प्रभारी, बाल विकास परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक, शिक्षक, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, रेवा सखी एवं ग्राम कोटवार को दी जा सकती है।
बाल विवाह एक ऐसी सामाजिक बुराई है,
जो बाल मन के विकास को गृहण लगाती है। विकासखण्ड अंतर्गत गठित कोर ग्रुप सदस्य एवं सेवा प्रदाता समिति सदस्यों को जन भागीदारी से जन जागरूकता अभियान चलाते हुए, विभिन्न विभागों, जनप्रतिनिधियों, समस्त समाज प्रमुखों, धर्मगुरूओं एवं जनसामान्य को इस सामाजिक कुप्रथा को रोकने के लिये सघन अभियान चलाकर बाल विवाह के विरूद्ध जनचेतना जागृत करने का प्रयास कर रचनात्मक जन आंदोलन का रूप देने की अपील की गई। कार्यशाला में परियोजना स्तरीय अधिकारी तथा कर्मचारी उपस्थित रहे।