पत्रकार संगठनों ने एक होकर उठाई पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग

पत्रकार संगठनों ने एक होकर उठाई पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग


जबलपुर - पत्रकारों पर हो रहे लगातार हमलों से आहत लोकतंत्र का चौथा स्तंभ अब लहुलुहान हो गया है। लोकतंत्र का ये चौथा स्तंभ केवल जनतंत्र को ही नहीं थामे है  बल्कि पीड़ितों शोषितों की आवाज़ बनकर सरकार और जनता के बीच समन्वय स्थापित करने का काम भी करता है। ऑल इंडिया स्माल न्यूज पेपर एसोसिएशन (आइसना), जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (जय), एम. पी. वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसिएशन,  के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में शामिल जय के प्रदेश अध्यक्ष विनय जी डेविड, आइसना के प्रदेश अध्यक्ष विनोद मिश्रा, प्रशांत वैश्य, शंभू नारायण शर्मा, एम. पी. वर्किंग जर्नलिस्ट एसोसिएशन के प्रांतीय सहसचिव पप्पू चौकसे, अनिल सेन, न्यूज स्टार के डायरेक्टर अंकित श्रीवास्तव, गौरव सोनी, स्वतंत्र, जुबेर शेख, वीरेंद्र सिंह बुशैल, राजेंद्र चौकसे, तस्वीर का दूसरा पहलू के संपादक तापस सूर, नरेश तिवारी, प्रभात बुशैल, हेमंत विष्णू, मनजीत सिंह छाबड़ा नरसिंहपुर, महाकाल पांडे, महेंद्र शराठे, अनिल राज, दीपक सिंह राजपूत, पवन यादव, और उपस्थित सारे पत्रकारों ने एक सुर में सरकार से पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग की। इस दौरान वक्ताओं ने पत्रकारिता के क्षेत्र में मौजूद चुनौतियों को रेखांकित किया साथ ही उन्होंने कहा कि इन तमाम समस्याओं से निपटने पर विचार विमर्श किया। शासन की उपेक्षा से व्यथित हो कर ही आज सारे पत्रकार काम छोड़ कर धरने के लिए बाध्य हुए हैं।