पीताम्बरा पीठ से हमारे देश को बड़ी बड़ी विपदाओं और संकटों से मुक्ति मिली

 


हमारे  कई सारे धाम और मंदिर में   मान्यता होने का कारण है उन धामों और मंदिरों का इच्छापूर्ति  में ऐसा अटल विश्वास है, कि उस धाम या मंदिर के दर्शन मात्र से ही उनकी बड़ी से बड़ी इच्छाएं पूरी हो जाएँगी। ऐसा ही एक सुप्रसिद्ध पीठ है दतिया में स्थित पीताम्बरा देवी का पीठ – जहां का एक और आकर्षण है कि पीताम्बरा देवी एक दिन में तीन बार रूप बदलती है!


दतिया| मध्यप्रदेश में दतिया एक शहर है। यहां पर स्थित पीताम्बरा पीठ बहुत ही चर्चित और पूरे देश भर में सुप्रसिध्द भी है।  इसी पीताम्बरा पीठ जहाँ दिन में ३ बार देवी अपना रूप बदलती हैं। पीताम्बरा पीठ से जुड़ी कई सारी अलग अलग मान्यतायें लोगों में सुप्रसिद्ध हैं। यदि लोगों की मानें तो इसके विषय में ऐसी भी मान्यता है कि यहां कराये गए हवन से लोगों को अपने मुकदमों में विजय मिलकर ही रहती है। इस पीठ की प्रतिष्ठा इतनी अधिक है कि ऐसा आज तक किसी ने देखा ही नहीं कि  यहां कराया गया यज्ञ किसी भी हालत में निष्फल गया हो।


पीताम्बर पीठ पर राजनेताओं की भीड़


देवी पीताम्बरा शत्रुओं का नाश करने वाली देवी हैं। राजसत्ता की चाह रखने वाले लोगों की भीड़ यहां पर सदैव ही देखी जा सकती है। अपने कष्टों का नाश करने के लिए भक्त यहां पर गुप्त रूप से पूजा अर्चना और यज्ञ करवाते हैं। ऐसा आज तक कभी हुआ ही नहीं कि किसी भी भक्त की प्रार्थना निष्फल गई हो। देवी पीताम्बरा निश्चित रूप से ही सबकी मुराद पूरी करती हैं।दतिया के मंदिर में कुछ दिनों पूर्व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह उनके पहले भी वहाँ पर राजनेताओं और अभिनेताओं का आते रहे  है। पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुख़र्जी, गृह मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस के नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, अभिनेता संजय दत्त सहित कई दिग्गज नेताओं और अभिनेताओं ने देवी का दर्शन कर अपनी मनो कामना यें पूर्ण करवाई हैं।ऐसा माना जाता है कि देवी की महिमा से हमारे देश को बड़ी बड़ी विपदाओं और संकटों से मुक्ति मिली है। जब भी हमारे देश के लिए ऐसी संकट की परिस्थिति बनी है, तब तब लोगों ने उस समय विपदा का नाश करने के लिए गुप्त रूप से यज्ञ करवाया है। ऐसा भी कहा जाता है कि १९६२ में हुए भारत और चीन के युद्ध के दौरान नेहरू जी ने गुप्त रूप से यहाँ यज्ञ करवाया था।


 दिन में ३ बार रूप बदलने वाली माँ पीताम्बरा देवी


यहाँ माँ पीताम्बरा से जुड़ी एक और बात बहुत ही प्रसिद्ध है। ऐसा माना जाता है कि पीताम्बरा देवी एक दिन में तीन बार अपना रुप बदलती हैं। यही एक और मुख्य कारण है जिससे पीताम्बरा देवी की महिमा और भी अधिक बढ़ जाती है


इतिहास के पन्ने अगर पलटे जाएं तो इससे यह मालूम होता है कि इस पीठ की सिद्धि इसके स्थापक स्वामी जी महाराज की वजह से ही है। पहले यह भूमि एक शमशान हुआ करती थी, जिस पर देवी के मंदिर की स्थापना वर्ष १९३५ में स्वामी जी महाराज ने ही करवाई थी। स्वामी जी महाराज के विषय में यह भी कहा जाता है कि उन्होंने बचपन से ही सन्यास ग्रहण कर लिया था। यह पीठ स्वामी जी महाराज के कठोर तप और जप के कारण ही एक सिद्ध और चमत्कारी पीठ कहलाता है।