हरदा। संभागीय आयुक्त रजनीश श्रीवास्तव ने आज कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में जिले के अधिकारियों की बैठक ली। आयुक्त श्री श्रीवास्तव ने अधिकारियों से परिचय प्राप्त करते हुए विभागीय प्रगति की समीक्षा की। उन्होने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे विभागीय योजनाओं में गति लाए। बैठक में कलेक्टर श्री एस. विश्वनाथन, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री दिलीप कुमार यादव, डीएफओ श्री लालजी मिश्रा, अपर कलेक्टर डाॅ. प्रियंका गोयल सहित विभिन्न विभागो के जिला अधिकारी उपस्थित थे। बैठक में आयुक्त श्री श्रीवास्तव ने जिले में नरवाई जलाने की रोकथाम के लिये किये जा रहे प्रयासों की जानकारी प्राप्त की। बैठक में बताया कि जिले में नरवाई हेतु धारा 144 अंतर्गत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया गया है। साथ ही हार्वेस्टरों के फसल कटाई के लिये पंजीयन हेतु निर्देश जारी किये गये है। हार्वेस्टरों में भूसा मशीन एवं एसएमएस सिस्टम अनिवार्य किया गया है। आयुक्त श्री श्रीवास्तव ने जिला परिवहन अधिकारी को निर्देशित किया कि नियम लागू कराने की जवाबदारी आपकी है। सख्ती से कार्यवाही करें। सभी हार्वेस्टरों में सिस्टम लगवायें। आयुक्त श्री श्रीवास्तव ने बैठक में ईई पीडब्ल्यूडी को निर्देशित किया कि जो काम अनावश्यक रूप से ठेकेदार की लापरवाही से बंद है। उन ठेकेदारों को ब्लेक लिस्टिंग की कार्यवाही करें। उन्होने महाप्रबन्धक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र को निर्देशित किया कि यह सुनिश्चित करें कि जिस व्यक्ति को जिस कार्य के लिये शेड आवंटित किये थे उसमें वही व्यक्ति काम कर रहा है या उसने उसे दूसरे को दे दिया है। उन्होने ईई जल संसाधन विभाग से आगामी मूंग फसल के दौरान सिंचाई हेतु पानी की उपलब्धता एवं योजना की जानकारी प्राप्त की।बैठक में श्री श्रीवास्तव ने सहायक अधीक्षक भू-अभिलेख से टीएसएम मशीन की जानकारी प्राप्त करते हुए निर्देशित किया कि जिले के सभी पटवारियों को ट्रेनिंग करायें। उन्होने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि आप जब भी टूर पर जाते है तो औपचारिकता मत कीजिए। यह सुनिश्चित करें कि उस रूट पर जितने भी स्ट्रक्चर है, उन्हें देखे। एक-एक अपूर्ण कार्य को देखे कि वे अपूर्ण क्यों है।आयुक्त श्री श्रीवास्तव ने कहा कि अधिकांश समस्याएं आपसी समन्वय की कमी के कारण होती है। समन्वय के अभाव में बहुत छोटी-छोटी समस्याएं उत्पन्न होती है। अधिकारी विभागों से संबंधित समस्याओं को टीएल बैठक में कलेक्टर के समक्ष रखें। अपने स्तर पर कोई भी प्रकरण लंबित न रखे, तत्काल निराकरण करें। कलेक्टर के माध्यम से समन्वय करें।